बंद करना

    प्राचार्य

    प्रिय विद्यार्थियो,

    व्यक्ति को सद्गुणों को अपनाना चाहिए, क्योंकि वे ही ज्ञान की सच्ची नींव हैं। अपनी बुद्धि को भलाई के लिए एक शक्ति बनने दें और दुनिया को विपत्ति से बचाएं। जैसा कि महात्मा गांधी ने उदाहरण दिया था, महानता निरंतर प्रयास और नकारात्मकता को त्यागने से हासिल की जाती है। दुनिया को प्रभावित करने के लिए अपने भीतर धैर्य, धैर्य और सचेतन परिवर्तन पैदा करें। गहन जीवनशैली में संलग्न रहें, जीवन का अन्वेषण करें और इसकी जटिलताओं से प्यार करें। करने से पहले सोचना; महान कार्य उभरने के लिए अपने मन को उच्च आदर्शों से भरें। बुद्धिमत्ता, निरंतर सुधार और जिम्मेदार कार्यों के लिए प्रयास करें। कार्यों को तत्परता से निपटाते हुए योजनाबद्ध जीवन जिएं। अपने संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग करें और विश्वास करें कि विकल्प और प्रयास आपकी पहचान को आकार देते हैं। स्वामी विवेकानन्द के शब्दों को याद रखें: “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” दुनिया प्यार और कृतज्ञता के साथ आपके योगदान का इंतजार कर रही है। जय हिन्द।

    उमेशचंद्र सेवकदास मेश्राम

    प्रिंसिपल, पीएम श्री केवी मिसामारी